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टेमला में जिला स्तरीय पशु कल्याण जागरूकता एवं निशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का हुआ आयोजन

 खरगोन से अनिल बिलवे की रिपोर्ट /

टेमला में जिला स्तरीय पशु कल्याण जागरूकता एवं निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का हुआ आयोजन

 

744 पशुओं का किया गया उपचार और दी गई दवाएं

 

पशु पालन एवं डेयरी विभाग जिला खरगोन द्वारा पशुपालन एवं पशु कल्याण जागरूकता माह के अंतर्गत 18 फरवरी को खरगोन विकासखण्ड के ग्राम टेमला में जिला स्तरीय पशु कल्याण जागरूकता एवं निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत पशुपालन संगोष्ठी, केंद्र एवं राज्य शासन की हितग्राही मूलक योजना की जानकारी एवं उपलब्धि, पशु चिकित्सा शिविर, उन्नत पशुपालन एवं कृषि संबंधी विषयों पर पशु चिकित्सकों एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जानकारी दी गयी। इस अवसर पर किसानों एवं पशुपालकों को शासकीय योजनाओं की जानकारी देने के लिए प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।

 

इस शिविर में विधायक श्री बालकृष्ण पाटीदार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। शिविर में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री बापूसिंह परिहार, जनपद अध्यक्ष श्री संतोष पंवार, जनपद सदस्य श्रीमती रानु गजानंद पाटीदार, श्री भुपेन्द्र पाटीदार, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के प्रबंध संचालक श्री पीएस धनवाल, उपायुक्त सहकारिता श्री काशीराज आवासे, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. लक्ष्मण सिंह बघेल, उप संचालक कृषि श्री एमएस सोलंकी, सहायक संचालक श्री प्रकाश ठाकुर, कृषि वैज्ञानिक श्री डॉ. आरके सिंह, परियोजना संचालक आत्मा श्री कनासे, पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी डॉ. पटेल, डॉ. सुभाष खन्ना, पशुपालक, किसान एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक श्री पाटीदार ने इस अवसर पर किसानों एवं पशुपालकों को संबोधित करते हुए कहा कि जब हम विद्यार्थी थे तब खेतों में रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया जाता था और किसान प्राकृतिक खेती करते थे। लेकिन समय के साथ परिवर्तन आया है। सिंचाई के साधनों का विस्तार होने और अधिक उत्पादन लेने के लिए रासायनिक खाद का उपयोग बढ़ने लगा है। जिसके कारण अनाज की गुणवत्ता में फर्क पड़ा है और उसका प्राकृतिक स्वाद खत्म हो गया है। आज के समय में हमें फिर से प्राकृतिक खेती की ओर लौटने की आवश्यकता है। इसके लिए वे जैविक खाद का अधिक से अधिक उपयोग करना होगा। जैविक खाद के लिए किसानों के पास पशु धन का होना भी जरूरी है। दुग्ध उत्पादन एवं पशुपालन के लिए शासन द्वारा अनेक योजनाओं में बिना ब्याज का ऋण एवं अनुदान दिया जा रहा है। किसान एवं पशुपालक इनका लाभ लेकर जैविक खेती की ओर बढ़े।

 

टेमला के इस शिविर में 220 पशुओं की विभिन्न बीमारियों का परीक्षण कर उपचार किया गया। शिविर में 32 पशुओं की शल्य चिकित्सा, 15 मादा पशुओं का गर्भ परीक्षण, पशुओं की नस्ल सुधार के लिए 27 नर पशुओं का बधियाकरण किया गया तथा 450 पशुपालकों को पशुओं के लिए औषधि का वितरण किया गया।

 

शिविर मंे राष्ट्रीय पशुधन मिशन, आचार्य विध्यासागर गौसंवर्धन योजना तथा पशुपालन किसान क्रेडिट कार्ड योजना में लाभांवित हितग्राहियों को मुख्य अतिथि विधायक श्री पाटीदार, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री परिहार एवं अन्य अतिथियों द्वारा अनुदान एवं ऋण स्वीकृति पत्र वितरित किये गए। शिविर में किसानों को जैविक खाद एवं कीटनाशक तैयार करने की विधियां बताई गई। पशुपालकों को बताया गया कि अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए उन्नत नस्ल के पशु पाले और सीमेन सार्टेड पद्धति से मादा पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान कर मादा बछिया ही प्राप्त करें।

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